Ticker

6/recent/ticker-posts

भारतीय राजव्यवस्था तथा भारतीय संविधान

 भारतीय संविधान व इतिहास की रूपरेखा - 

  •         1857 के स्वतंत्रता संग्राम की असफलता के पश्चात् ईस्ट इण्डिया कम्पनी द्वारा स्थापित राज्य का शासन 'ब्रिटिश क्राउन' ने प्रत्यक्ष रूप से अपने अधिकार में ले लिया तथा भारत का गवर्नर जनरल अब वायसराय भी हो गया।  
  • ब्रिटिश सरकार ने देशी राज्यों को यह आश्वासन भी दिया कि भविष्य में उनकी स्वतन्त्रता का अपहरण नहीं किया जाएगा और गवर्नर जनरल उनसे वायसराय (क्राउन के प्रतिनिधि) के रूप में व्यवहार करेगा।
  •         1857 के स्वतन्त्रता संग्राम को ब्रिटिश सरकार ने मुसलमानों द्वारा सत्ता प्राप्ति का साधन समझा और मुसलमानों के प्रति अविश्वास की नीति अपनाई।  हिन्दुओं के प्रति उनकी नीति उदार एवं सहयोग की रही।  19वीं शताब्दी के अन्तिम चरण में धार्मिक आन्दोलनों के माध्यम से हिन्दुओं में राष्ट्रीय चेतना एवं जागृति उत्पन्न हुई और ब्रिटिश सरकार का दृष्टिकोण हिन्दुओं के प्रति परिवर्तित हो गया।  उन्होंने मुस्लिम समुदाय को संरक्षण देना प्रारम्भ किया और उन्हीं की प्रेरणा से 1906 में मुस्लिम लीग की स्थापना हुई।  
  •            ब्रिटिश शासन ने 'फूट डालो और राज्य करो'(Divide and rule) की नीति अपनाई और अपना भावी कार्यक्रम निर्धारित किया. इसी नीति के परिणामस्वरूप भारत में हिन्दू- मुस्लिम समस्या ने जन्म लिया. यही समस्या कालान्तर में भारत के विभाजन का कारण बनी।
  •            'ब्रिटिश सरकार ने भारतीय शासन व्यवस्था में 1861, 1892, 1909, 1919, 1935 आदि के अधिनियमों द्वारा सुधार करने तथा जनता एवं कांग्रेस के नेताओं को, जो बुद्धिजीवियों का प्रतिनिधित्व करते थे. सन्तुष्ट करने का प्रयास किया।
  •            28 दिसंबर 1885 में अभयदीप (Safety Valve) के रूप में स्थापित भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस शासन में भारतीयों की सहभागिता, शासन में सुधार, आर्थिक स्थिति को सुदढ़ कर जनता की कठिनाइयों को दूर करने के लिए भेंटवार्ता, याचना-पत्र, स्मृति-पत्र आदि का मार्ग अपनाती रही।
  •            16 अक्टूबर1905 में लॉर्ड कर्जन द्वारा बंगाल का विभाजन हुआ) उसके विरुद्ध विरोध प्रदर्शन, स्वदेश आन्दोलन आदि हुए और कांग्रेस में उग्रवाद पनपा यह वर्ग 'स्वतन्त्रता का जन्म सिद्ध अधिकार' समझता था और इसके लिए संघर्ष करना और कष्ट सहन करने की नीति का समर्थन करने लगा. 1907 में कांग्रेस विभक्त हो गई. किन्तु 1916 में पुनः एकता स्थापित हो गई।
  •            1920 में महात्मा गांधी ने भारतीय राजनीति में प्रवेश किया और कांग्रेस को जन आन्दोलन में परिणित कर दिया. असहयोग आन्दोलन, सविनय अवज्ञा आन्दोलन, भारत छोड़ो आन्दोलन आदि को जनता का पूर्ण समर्थन मिला।  द्वितीय महायुद्ध में अंग्रेजों की स्थिति अत्यधिक सोचनीय हो गई थी।  अपनी सत्ता को बनाए रखने के लिए मुस्लिम लीग को ब्रिटिश सरकार ने पूर्ण सहयोग दिया।
  •            23 मार्च 1940 में मुस्लिम लीग ने 'पृथक् राज्य- पाकिस्तान' की माँग प्रस्तुत की।  ब्रिटिश सरकार ने जब यह अनुभव किया कि उन्हें भारत छोड़ना ही पड़ेगा तो उन्होंने भारत के विभाजन की दिशा में ही प्रयास किया. अन्ततोगत्वा 1947 में 15 अगस्त को भारत स्वतन्त्र हुआ, किन्तु भारत विभाजित भी हो गया।
  •            माउन्टबेटन योजना को स्वीकार करते हुए कांग्रेस ने भारत के विभाजन को स्वीकार कर लिया। भारत में संविधान निर्मात्री सभा का गठन हुआ. संविधान सभा ने कांग्रेस द्वारा समय-समय पर पारित प्रस्तावों तथा विश्व के देशों के संविधानों के श्रेष्ठतम उपबन्धों को आधार बनाकर भारतीय संविधान का निर्माण किया तथा 26 नवम्बर, 1949 को अंगीकार कर लिया. 26 जनवरी, 1950 को संविधान लागू भी हो गया और भारत एक सार्वभौम, पूर्णसत्ता सम्पन्न गणराज्य बना. संविधान की प्रस्तावना भारतीय संविधान निर्माताओं की आकांक्षाओं को शुद्ध रूप से परिलक्षित करती है। इसी कारण इसे 'भारतीय संविधान की आत्मा' कहा गया।
  • भारत के संविधान निर्माण की प्रक्रिया को हम आगे आने वाले आर्टिक्ल्स की सहायता से समझेंगे।

Post a Comment

0 Comments